गिरफतार महिला के अधिकार
गिरफतार महिला के अधिकार
कोई महिला पुलिस की दृष्टि में 'अपराधी' है और पुलिस उसे गिरफ्तार करने आती है तो वह अपने अधिकारों का उपयोग कर सकती हैं-
- उसे गिरफ्तारी का कारण बताया गया।
- गिरफ्तारी के समय उसे हथकड़ी न लगाई जाए। हथकड़ी सिर्फ मजिस्ट्रेट के आदेश पर ही लगाई जा सकती है।
- अपने वकील को बुलवा सकता है।
- मुफ्त कानूनी सलाह की पसंद कर सकता है, अगर वह वकील रखने में असमर्थ है।
- गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर महिला को मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना अनिवार्य है।
- गिरफ्तारी के समय महिला के किसी रिश्तेदार या मित्र को उसके साथ थाने जाने दिया जाए।
अगर पुलिस महिला को गिरफ्तार करके थाने में लाती है तो महिला को निम्न अधिकार प्राप्त हैं
- गिरफ्तारी के बाद उसे महिलाओं के कमरे में ही रखा गया।
- उसे मानवताता के साथ रखा जाना, जोर-जबरदस्ती करना गैरकानूनी है।
- पुलिस द्वारा मारे-पीटे जाने या दुर्व्यवहार किए जाने पर मजिस्ट्रेट से डाक्टरी जाँच की मांग कर सकती है।
- महिला की डाक्टरी जाँच केवल महिला डॉक्टर ही करती है।
महिला अपराधियों के साथ हस्तक्षेप के दौरान कभी-कभी छेड़छाड़ के मामले भी सामने आते हैं। इसके लिए महिला इन अधिकारों का प्रयोग कर सकती है-
- हस्तक्षेप के लिए थाने में या कहीं और बुलाए जाने पर महिला इंकार कर सकती है।
- हस्तक्षेप केवल महिला के घर पर और उसके परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में ही की जाए।
- उसके शरीर की तलाशी केवल दूसरी महिला द्वारा ही शालीन तरीके से ली जाए।
- अपनी तलाशी से पहले वह महिला, महिला पुलिसकर्मी की तलाशी ले सकती है।
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